लिंग के ऊतकों की सूजन (विशेष रूप से लिंग के सिरे और चमड़ी पर) होने को बैलेंटिस कहा जाता है। इस इन्फेक्शन की वजह से काफी परेशानी हो सकती है क्योंकि यह लिंग के बहुत ही सेंसिटिव एरिया में होता है। बैलेंटिस कभी भी किसी भी उम्र में हो सकता है। इस इंफेक्शन से बचने के लिए आपको पेनिस की साफ सफाई की सख्त जरुरत होती है।
अगर आप अपने पेनिस हेड की सफाई का ध्यान नहीं रखेंगे तो ये इन्फेक्शन आप को हो सकता है। पेनिस की सफाई के लिए डॉक्टर की सलाह से कोई मेडिकेटेड साबुन का इस्तेमाल करें। क्योंकि हार्ड केमिकल पेनिस को नुकसान पहुंचा सकते है जिसकी वजह से Balanitis हो सकती है। इस दर्दनाक हालत का कारण आमतौर पर संक्रमण या कठोर साबुन का उपयोग होता है। मधुमेह और रिएक्टिव अर्थराइटिस की वजह से मूत्रमार्ग प्रभावित होने पर भी बैलेंटिस समस्या हो सकती है।
कुछ हर्ब्स के इस्तेमाल से बैलेंटिस के कारण होने वाले दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।
बैलेंटिस होने के कारण स्मेग्मा का जमाव
कई लड़कों में, लिंग के सामने की चमड़ी को पीछे नहीं किया जा सकता है और इस वजह से स्मेग्मा एकत्र होने से ये इंफेक्शन होने का डर रहता है।
स्वच्छता नहीं होने की वजह से
अगर पुरुष पेनिस को अच्छी तरह से साफ नहीं करते है, तो उससे त्वचा में जलन पैदा हो सकती है।
केमिकल की वजह से
कई बार होता है कि पेनिस की फोरस्किन पर साबुन का रह जाता है, सुगंधित साबुन, शॉवर जैल, बार साबुन का प्रयोग, सुगंधित लोशन या लिंग पर स्प्रे लिंग की टोपी में जलन पैदा कर सकता है।
बैक्टीरिया
कभी कभी वायरस और परजीवी की वजह से भी बैलेंटिस का इंफेक्शन हो सकता है। उदाहरणों में कैंडिडा अल्बिकान, त्रिकोमोनस वेजिनेलिस, स्ट्रेप्टोकोकी, गर्द्नेरेल्ला वेजिनेलिस, माइक्रोबैक्टीरिया, स्ताफ्य्लोकोच्चुस, एटामोइबा हिस्टोलिटिका, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस, हर्पीस सिंप्लेक्स
वायरस शामिल हैं।
त्वचा रोग की वजह से
अटोपिक एक्जिमा, सोरायसिस, लाइकेन प्लानस, सेबोरहिक डर्मेटाइटिस, जैसे कुछ स्किन डिसीज की वजह से ये इंफेक्शन हो सकता है।
चोट
पेनिस की फोरस्किन के आसपास चोट लगने पर पर बैलेंटिस हो सकता है।
इन्हें बैलेंटिस होने का रहता है ज्यादा खतरा?
बैलेंटिस इन्फेक्शन शुगर के मरीजों को ज्यादा होता है अगर उनका शुगर नियंत्रण में नहीं है तथा यह इन्फेक्शन टाइप 2 डायबिटीज की दवाइयों की वजह से भी हो सकता है क्योंकि ये दवाइयां शुगर को मूत्र के सहारे बाहर निकालती है और शुगर इस यीस्ट को पनपने में मददगार होता है। अगर आप को शुगर की बीमारी है तो आप को अपने पेनिस की सफाई का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा इन्फेक्शन रिएक्टिव अर्थराइटिस की वजह से भी हो सकता है और ये अर्थराइटिस जोड़ो और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
बैलेंटिस के लक्षण
इस इन्फेक्शन में पेनिस के हेड एरिया में लाली छा जाती है और सूजन के साथ खुजली और दर्द होता है। पेनिस की टिप से मवाद भी आ सकता है।स्किन कवर के अंदर गन्दगी जमा हो सकती है जिसके वजह से बदबू भी आने लगाती है, इस लिए सफाई का विशेष ध्यान रखना होता है। अगर इसका ठीक से इलाज नहीं किया गया तो पेशाब करने के साथ ही यौन संबंध बनाते हुए काफी दिक्कत हो सकती है।
आइए जानते है बैलेंटिस के इंफेक्शन को दूर करने के कुछ घरेलू नुस्खें
लहसुन का सेवन करें ताजा लहसुन की कली काटें और इन्हें सूप के अलावा खाने में मिलाकर खाएं। लहसुन में एलेसन (allicin) होता है, जोकि एक प्रकार का रसायन है और बैलेंटिस पैदा कपने वाले जीवाणु संक्रमण से लड़ने में मदद सकता है।
लाल मिर्च का सेवन
लाल मिर्च का सेवन भी बैलेंटिस में लाभदायक हो सकता है। लाल मिर्च में विटामिन ए होता है, साथ ही इसमें कैप्सेसिन नामक रासायनिक यौगिक भी होता है, जोकि बैलेंटिस के दर्द को कम करता है।
एलोवेरा का उपयोग
एलो वेरा की एक पत्ती को लेकर इसे छील लें और बैलेंटिस प्रभावित जगह पर इसके जैल को दिन में दो से तीन बार लगाएं। एलो वेरा बैलेंटिस पैदा करने वाले संक्रमण को खतम करने तथा इसके दर्द और त्वचा की जलन को कम करने में मदद करता है।
अदरक का सेवन
कसे हुए अदरक को करी, सब्जियों और सूप आदि में डाल कर खाया जा सकता है। अदरक की जड़ में जीवाणुरोधी और जलन कम करने वाले दोनों ही गुण होते हैं, जोकि बैलेंटिस के उपचार में लाभदायक साबित होते हैं। इसके अलावा आप अदरक के टुकड़ों को पानी में उबालकर इसकी चाय भी पी सकते हैं।