हार्मोन असंतुलन से हो सकती हैं कई समस्याएं, ऐसे करें बचाव

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हमारे शरीर की वृद्धि और विकास में हार्मोन की अहम भूमिका होती है। हार्मोन्स जब असंतुलन हो जाते हैं तो शरीर की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी आ जाती है। कई प्रकार की दिक्कतें शुरू होने लगती हैं। शरीर की एंडोक्राइन ग्लैंड्स में उत्पन्न होने वाले ख़ास तरह के केमिकल्स जो एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक सिग्नल पहुंचाते हैं वे न सिर्फ़ शरीर के विकास को प्रभावित करते हैं, बल्कि नर्वस सिस्टम की गतिविधियों को भी कट्रोल करते हैं। वे मेटाबॉलिज़्म, सेक्स ड्राइव, रिप्रोडक्शन, मूड, वज़न, पाचन यहां तक कि हमारी भावनाओं और मस्तिष्क को भी पूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। पर एक बार अगर शरीर में हार्मोन असंतुलित हो गया तो यह आपकी पूरी जिन्दगी़ को उथल-पथल कर के रख देता है। इसीलिए स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हार्मोन्स संतुलन का नियंत्रित रहना। हालांकि आपके जीवन में उम्र एवं परिस्थितियां कुछ हार्मोन्स के रिलीज़ होने के अनुपात में थोड़ा उतार-चढ़ाव होना सामान्य बात है, लेकिन असामान्य रूप से हार्मोन का कम या ज़्यादा रिलीज़ होना स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। हार्मोन्स का असंतुलन किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है।

हर्मोन असंतुलन के कारण और प्रभाव हर्मोन असंतुलन के कई सारे कारण हैं। लेकिन सबसे बड़ा कारण हमारी दिनचर्या से भी जुड़ा है। रात को देरी से जागना और सुबह देरी से उठना, नाश्ता ना करना, या फिर देरी से करना। इसके बाद काम के चक्कर में दोपहर का खाना भी देरी से करना आदि आदतें भी बहुत हद तक जिम्मेदार होती हैं। सबसे बड़ी भूल हम अपने खान-पान में कमी यानि भोजन के अलावा फल-आहार ना लेने की करते हैं। इस हार्मोन के स्तर के बिगड़ने के कई कारण हो सकते हैं। अच्छा खान-पान ना होना तो एक कारण है ही, साथ ही व्यायाम ना करना और पूरी नींद ना लेना भी बड़े कारणों में आते हैं। महिला हो या पुरुष, नींद पूरी ना होना कई शारीरिक व मानसिक समस्याओं को आमंत्रित करता है।

एक बड़ा कारण जो हार्मोन असंतुलन के लिए एक बड़ा कारण बनकर सामने आता है। रात को पूरी नींद ना लेने से भी पूरा दिन अस्तव्यस्त रहता है, साथ ही यदि कई दिन तक ऐसे ही नींद पूरी ना हो तो धीरे-धीरे यह व्यक्ति के अंदरूनी अंगों को भी प्रभावित करता है। बढ़ती उम्र और अधिक तनावग्रस्त रहना भी मुख्य कारणों में से एक है।

अक्सर खराब जीवनशैली से हर्मोन असंतुलन हो ही जाते हैं। महिलाओं और पुरुषों दोनों में हार्मोन असंतुलन के अलग-अलग प्रभाव होते हैं। हार्मोन असंतुलन का पुरुषों पर हार्मोन असंतुलन के कारण पुरुषों में स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएं पैदा होने लगती हैं जैसे मुहांसे, चेहरे और शरीर पर अधिक बालों का उगना, समय से पहले अधिक उम्र का दिखने लगना और शारीरिक संबंधों के के दौरान यौन इच्छा की चाहत न होना आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है तथा पुरुषों में चिड़चिड़ापन आने लगता है पुरूषों में स्पर्म कम बनने की समस्या होने लगती है।

शायद यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि हार्मोन की छोटी-सी मात्रा ही कोशिका के मेटाबोलिज़्म को परिवर्तित करने के लिए काफी होती है। क्योंकि जिस हिसाब से यह काम करती है उससे शरीर के अन्य भागों को फायदा होता है। ये एक प्रकार के कैमिकल मैसेंजर की तरह ही एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक सिग्नल भेजने का कार्य करते हैं।

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