सेहत पर आपकी पकड़ कहीं ढीली न पड़ जाए

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उम्र के साथ साथ इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे ओस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस, नर्व डैमेज या कलाइयों अथवा हाथों में टेंडिनाइटिस।

अगर चीजों को पकड़ कर रखने, कपड़े निचोडऩे, नींबू निचोडऩे, ढक्कन या स्क्रूड्राइवर ताकत लगाकर घुमाने, किसी कैन को खोलने या टूथब्रश को मजबूती से पकडऩे में आपको दिक्कत होने लगी है तो इससे सेहत पर आपकी पकड़ ढीली पडऩे का संकेत मिलता है।

कारण

अक्सर 55 वर्ष की आयु के बाद ग्रिप की ताकत कमजोर पडऩे लगती है। ऐसा सार्कोपीनिया यानी उम्र के कारण मसल्स की कमजोरी की वजह से होता है। उम्र के साथ साथ इसके कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे ओस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड आर्थराइटिस, नर्व डैमेज या कलाइयों अथवा हाथों में टेंडिनाइटिस।

अध्ययन

सेहत विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रिप ढीली पडऩा हार्ट अटैक या स्ट्रोक का संभावित लक्षण हो सकता है। एक रिपोर्ट में 35 से 70 वर्ष के 1,40,000 वयस्कों पर किए अध्ययन का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया गया है। इन लोगों की ग्रिप एक डिवाइस से मापने के बाद पता चला कि ग्रिप की ताकत में 5 किलोग्राम गिरावट का नतीजा हार्ट अटैक से मृत्यु का 17 फीसदी अधिक जोखिम हो सकता है।

जरूरी है एक्सरसाइज

कमजोर पड़ती ग्रिप आगे सही ढंग से चलने फिरने में भी बाधक बन सकती है। इसलिए हाथों, कलाइयों और शरीर के हर हिस्से की एक्सरसाइज करते रहना चाहिए। हाथों की मसल्स को लचीला, एक्टिव और मजबूत रखने के लिए ये एक्सरसाइज करें :-

स्क्वीज

सॉफ्ट स्ट्रेस बॉल को उंगलियों और अंगूठों के बीच एक हाथ में लेकर दबाएं। कम से कम 30-60 सैकंड तक बॉल को पकड़ें और छोड़ें। छोटे तौलिए या कपड़े को भिगों लें। दोनों हाथों से इसे निचोड़ें। ऐसा कई बार करें।

क्ले से खेलें

मिट्टी या गूंथे हुए आटे की लोई बनाएं। हाथों से उसे दबाएं। कभी हथेलियों से रोल करते हुए इससे लम्बी सांपनुमा आकृतियां बनाएं। एक्सरसाइज से फर्क न पड़ें या समस्या बढ जाए तो चिकित्सक से सम्पर्क करें।

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